DOGA KO GADO

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किसी पागल ने शहर में लगी एक दलित नेता की मूर्ति को पहना दी जूतों की माला। डोगा ने दंगे की आशंकां से जूतों की माला मूर्ति के गले से उतार दी लेकिन मूर्ति के गले में अगले दिन भी पाई गई जूतों की माला जिसके कारण भड़क उठें दंगे और आरोप लगा डोगा पर। अब तो कानून और जनता मिलकर डोगा को गाड़ ही देंगे। मगर डोगा को गाड़ना क्या इतना आसान था?

Out of stock

Weight 90 g
Dimensions 21 × 17 × 0.2 cm
ISBN

9.79E+12

Publisher

Raj Comics By Sanjay Gupta

Writer

SANJAY GUPTA TARUN KUMAR WAHI VIVEK MOHAN

Binding

Paperback

Paper

Art Paper

Language

Hindi

Pages

32 Pages

Bonus Items

PAPER STICKER, TRADING CARD

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Description

किसी पागल ने शहर में लगी एक दलित नेता की मूर्ति को पहना दी जूतों की माला। डोगा ने दंगे की आशंकां से जूतों की माला मूर्ति के गले से उतार दी लेकिन मूर्ति के गले में अगले दिन भी पाई गई जूतों की माला जिसके कारण भड़क उठें दंगे और आरोप लगा डोगा पर। अब तो कानून और जनता मिलकर डोगा को गाड़ ही देंगे। मगर डोगा को गाड़ना क्या इतना आसान था?