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PROFESSOR ASHWATTHAMA ISSUE 1-RAVAN KA PUNARJANAM-CHEESE BURGER COMICS (BIG SIZE)

212.00

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In stock

Weight 150 g
Dimensions 28 × 20 × 1 cm
ISBN

9789395079266

Publisher

Cheese Burger Comics

Binding

Paperback

Paper

Art Paper

Language

Hindi

Pages

40 Pages

Free shipping on all orders over ₹500

Description

कॉमिक्स की विषयवस्तु- सन् 1945 के हिरोशिमा परमाणु विस्फोट के बाद, द्वापर युग की महाभारत का एक खलनायक, भारत के महानतम परमाणु वैज्ञानिक डॉ एच. बाबा से मिलता है और उनका परिचय कराता है भविष्य के हथियारों से जिनमें अपराजित ब्रह्मास्त्र के ब्लूप्रिंट भी शामिल थे। उसके इस अहसान को चुकाने की भावना से डॉ. बाबा अस्थाई रूप से इस रहस्यमयी पात्र के असाध्य घाव का इलाज, अपने आविष्कारों से कर देते हैं। साथ मिलकर, दोनों ने भारत के लिए कई हथियार बनाए और यहां तक कि भारत की पहली क्लासीफाइड सीक्रेट सर्विस, एफ.ए.आर.- फाइनल असॉल्ट रेजिमेंट भी बनाई। डॉ. बाबा उसे ‘प्रोफेसर’ कहकर बुलाने लगे थे। लेकिन जब ‘प्रोफेसर’ के पिता तुल्य डॉ. बाबा की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई, तो ‘प्रोफेसर’ ने उस प्रोजेक्ट और लैब से खुद को पृथक कर लिया। मगर 2016 में, प्रोफेसर द्वारा ही बनाए गए अत्याधुनिक हथियारों के साथ 700 एफ.ए.आर.सैनिकों ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए, मध्य प्रदेश के जंगलों से बंदी बना लिया। वर्तमान समय में, ‘प्रोफेसर अश्वत्थामा’ उर्फ “कैदी नंबर-27” भारत की एक विशिष्टतम गोपनीय जेल में बंद हैं। ‘स्टर्म’ के एक कुटिल और दुष्ट वैज्ञानिक डॉ. हाला गवार ने श्रीलंका में पौराणिक संग्रहालय से रावण का आभूषण चुराकर, चंगेज खान की खोई हुई कब्र का पता लगाया और रावण की आत्मा को चंगेज खान के शरीर में स्थानांतरित कर दिया, संपूर्ण पृथ्वी अंधेरे में डूब गई। दानवराज अपनी इस नींद से ना जाने कितने युग के बाद जागा था और भारतीय उच्चाधिकारियों को अपने सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ एवं शस्त्रविज्ञानी ‘कैदी नंबर- 27’ उर्फ प्रोफेसर अश्वत्थामा से मदद लेने के लिए मजबूर होना ही पड़ा।